यूरोप के इतिहास में 19वीं शताब्दी में इटली का एकीकरण (1815-17) एक बहुत ही महत्वपूर्ण तथा रोचक घटना थी क्योंकि यह एक ऐसा देश था जिसने प्राचीन काल में यूरोप के इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण राजनीतिक भूमिका निभाई थी और जहाँ यूरोप की एक बहुत ही वैभवशाली प्राचीन सभ्यता का विकास हुआ था, जिसे रोमन सभ्यता कहा जाता था। इतना ही नहीं इटली का महत्व यूरोप के धार्मिक, सामाजिक इतिहास में कभी भी कम न हुआ था क्योंकि पोप के धार्मिक कार्य का केंद्र रोम बन चुका था।
![unification of italy, italy ka ekikaran, इटली का एकीकरण (1815-70) [Italy ka Ekikaran]](https://bugnews.in/wp-content/uploads/2022/10/italy-ka-ekikaran.jpg)
लेकिन इटली समय के साथ साथ राजनीतिक दृष्टि से अपना महत्व खोता गया और एक ऐसा प्रदेश बन कर रह गया कि 1815 में यूरोप के राजनीतिज्ञों (मेटरनिख ने) ने इटली को भौगोलिक अभ्यर्थी मात्र (Mere Geographical Expression) कहा। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इटली की अपनी आंतरिक शक्ति थी, जिसमे ऐतिहासिक और सामाजिक शक्ति शामिल थी। इटली के धार्मिक और सामाजिक शक्ति का विरोध नेपोलियन बोनापार्ट से पहले कभी भी कोई देश नहीं कर सका था। अतः इटली का एकीकरण (Unification of Italy) का इतिहास का एक बहुत ही रोचक वृतांत है।
इटली का एकीकरण से पहले उसका भौगोलिक स्वरूप
भौगोलिक विभिन्नताओं से उपजी राजनीतिक प्रणालियाँ
यह देश प्राकृतिक आधार पर कई भागो में बंटा होने के कारण अनेक जातियों और वर्गों में विभाजित देश था। इस प्रकार राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विभिन्नता का एक प्रमुख कारण इटली की पर्वत मालाएं तथा जलवायु थी जिसने राजनीतिक रूप से भौगोलिक कारणों से इटली को बाँट दिया था। यह विवधताये आधुनिक राष्ट्र के लिए फायदेमंद होती लेकिन उन्नीसवी सदी में यह अनेक राजनीतिक प्रभुत्वों का टकराव क्षेत्र था। जिसमे पोप, राजा, सामंत आदि शामिल थे।
इटली का भौगोलिक स्वरूप
इटली यूरोप के दक्षिण में स्थित एक देश है। यूरोप के इस भाग को भूमध्यसागरीय खंड (Mediterranean) कहा जाता है। इसे नेपल्स पर्वत का दक्षिणी खंड भी माना जाता है। इटली का यूरोप से भी संबंध केवल उत्तर की ओर से है। इटली के तीनो ओर सागर है। इटली के पूर्व में एड्रिआटिक सागर, पश्चिम टिटेनियन सागर तथा जेनेवा की खाड़ी है। इटली के दक्षिण में ट्यूरेंटा की खाड़ी है और दूसरी ओर सिसली का द्वीप है तथा नेपल्स और सिसली के मध्य में मसीना का जलडमरुमध्य है। इटली के पश्चिम में उसका महत्वपूर्ण क्षेत्र है, सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर का सबसे बड़ा द्वीप है।
इटली के तीन उत्तरी पड़ोसी देश है। उत्तर-पश्चिम में फ्रांस, उत्तर में स्थित स्विट्जरलैंड और उत्तर-पूर्व में वेनिशिया की ओर मिलता हुआ देश, ऑस्ट्रिया है। इस प्रकार इटली प्राकृतिक दृष्टि से कटा हुआ देश है और कई विभाजन खंडों में और जटिल हो गया था।
![इटली का एकीकरण (1815-70) [Italy ka Ekikaran]](https://bugnews.in/wp-content/uploads/2022/10/italy-ka-ekikaran15century.jpg)
इस प्रकार, 1815 में इटली चार राजनीतिक भौगोलिक भागों में बंटा हुआ देश था, जो इस प्रकार था:
- राजतंत्र के प्रभाव वाला उत्तरी इटली
- विदेशी प्रशासन पो घाटी वाला इटली
- पोप के प्रशासन वाला मध्य इटली
- दक्षिणी इटली जिसमें नेपल्स और सिसली सम्मिलित था
इटली का एकीकरण से पहले हमे निम्न बातों को जान लेना चाहिए जिसने प्रभाव डाला:
- फ़्रांसिसी क्रांति और नेपोलियन बोनापार्ट का इटली पर प्रभाव
- वियना व्यवस्था
- एकीकरण में बाधाऐ
- 1815 के बाद इटली की आर्थिक दशा
- इटली में राजतन्त्र की स्थिति
- पोप के राज्य की स्थिति
- कुलीन वर्ग का प्रभाव
- पुनर्जागरण का प्रभाव
अगले खंड को पड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे (फ़्रांसिसी क्रांति और नेपोलियन का इटली के एकीकरण पर प्रभाव)
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