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rajasthan ke krantikari

राजस्थान के प्रमुख क्रांतिकारी [Rajasthan ke pramukh krantikari]

Posted on July 31, 2022August 5, 2022 By exmbug
इतिहास

इस आर्टिकल में राजस्थान के प्रमुख क्रांतिकारी (Rajasthan ke pramukh krantikari) के बारे में कुछ तथ्य बताये गए है। राजस्थान का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बहुमूल्य योगदानके साथ साथ गाँधीजी के सत्याग्रह, अहिंसा से लेकर क्रांतिकारी गतिविधियों में राजस्थान के क्रांतिकारियों ने बढ़ कर भाग लिया था। नीचे कुछ प्रमुख क्रान्तिकारियो के बारे में बताया गया है।

Index of topic
  • 1. प्रताप सिंह बारहठ
  • 2. जोरावर सिंह बारहठ
  • 3. विजय सिंह पथिक
  • 3. मोतीलाल तेजावत
  • 4. हरीभाऊ उपाध्याय
  • 5. अमरचंद बांठिया
  • 6. गोविंद गिरी
    • संप सभा और मानगढ़ हत्याकांड (राजस्थान का जलियांवाला बाग हत्याकांड)
  • 7. हीरालाल शास्त्री
  • 8. जय नारायण व्यास
  • 9. अर्जुन लाल सेठी
  • 10. जमनालाल बजाज
  • Share and follow
pratap-singh-bahrath, Rajasthan ke pramukh krantikari
प्रताप सिंह बारहठ

1. प्रताप सिंह बारहठ

  • जन्म: 1893, उदयपुर में
  • पिता: केसरी सिंह बारहठ
  • 1912 में लॉर्ड हेस्टिंग्स बम कांड में अभियुक्त, इन्हे जोधपुर से पकड़ा गया
  • जोधपुर से पकडे जाने के बाद यूपी के बरेली जेल में कैद हुए। बरेली जेल में इन्हें कड़ी यातनाएं दी गई जिससे इनका निधन 1913 में हो गया

jorawar-singh-bhahrath, Rajasthan ke pramukh krantikari
जोरावर सिंह बारहठ

2. जोरावर सिंह बारहठ

  • केसरी सिंह बारहठ के भाई
  • गुरु: अर्जुन लाल सेठी
  • 1912 में लॉर्ड हेस्टिंग्स बम कांड में अभियुक्त
  • अपना नाम बदलकर अमर दास बैरागी रखा
  • जीवन भर अंग्रेजों के हाथ नहीं आने के कारण राजस्थान के चंद्रशेखर आजाद कहलाते हैं
  • निधन: 1939 में कोटा में निमोनिया से निधन हुआ

vijaysingh-pathik
विजय सिंह पथिक

3. विजय सिंह पथिक

  • जन्म: गुठली कला बुलंदशहर
  • पिता: हिम्मत सिंह गुर्जर
  • माता: कमला
  • इनका विवाह 49 वर्षीय विधवा से हुआ जिनका नाम जानकी देवी था
  • उनका मूल नाम भूपसिंह था। 1915 में इन्होंने फिरोजपुरा कांड के बाद अपना नाम भूप सिंह से बदलकर विजय सिंह पथिक कर लिया
  • यह अपने चाचा बलदेव के साथ राजस्थान में प्रथम बार किशनगढ़ में आए
  • विजय सिंह पथिक को भारत में किसान आंदोलन का जनक भी कहा जाता है
  • इन्हे सशस्त्र क्रांति के आरोप में इन्हें गोपाल सिंह खरवा के साथ जेल में कैद कर दिया गया

MotilalTejawat
मोतीलाल तेजावत

3. मोतीलाल तेजावत

  • उनका जन्म कोल्यारी गांव, उदयपुर में हुआ
  • इन्होंने एकी / भोमट आंदोलन का नेतृत्व किया
  • इन्हें आदिवासियों का मसीहा या बावजी कहा जाता है
  • इन्होंने मेवाड़ की पुकार, जिसमें 21 सूत्रीय मांगपत्र थे, से जाना जाता है

HaribhauUpadhyaya
हरीभाऊ उपाध्याय

4. हरीभाऊ उपाध्याय

  • इनका जन्म मध्य प्रदेश में मौसरागांव में हुआ
  • उच्च शिक्षा वाराणसी उत्तर प्रदेश में हुई यहां से इन्होंने औदुंबर पत्रिका का प्रकाशन किया
  • बाद में यह राजस्थान आए और अजमेर से सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन करने लगे
  • उनका उपनाम दी साहब कहा जाता था
  • 1927 में अजमेर में उन्होंने गांधी आश्रम की स्थापना की
  • बाद में अजमेर राज्य के मुख्यमंत्री बनाए गए
  • आजादी के बाद राजस्थान सरकार में यह खादी एवं समाज कल्याण मंत्री भी रहे

AmarchandBanthia
अमरचंद बांठिया

5. अमरचंद बांठिया

  • जन्म 1797 बीकानेर में हुआ
  • इनके पिता बीकानेर छोड़कर ग्वालियर राजघराने में कोषाध्यक्ष के पद पर नियुक्त हो गए जहां ग्वालियर राज्य परिवार द्वारा अमरचंद बांठिया को नगर सेठ की उपाधि दी गई
  • बाद में ग्वालियर राजकोष में जमा खजाना उन्होंने झांसी की रानी तात्या टोपे को सौंप दिया
  • 22 जून 1818 में ग्वालियर में, अमरचंद बांठिया को फांसी दे दी गई इस कारण राजस्थान का मंगल पांडे भी कहा जाता है
  • 1857 की क्रांति में राजस्थान से प्रत्येक प्रथम शहीद थे

Govindgiri
गोविंद गिरी

6. गोविंद गिरी

  • इनका जन्म बसिया गांव जो डूंगरपुर में स्थित है एक बंजारा परिवार में हुआ
  • इन्हें भी लोग बावजी या मसीहा या भीलों के गुरु जी के उपनाम से जाना जाता है
  • इन्हें भीलो में भगत पंथ, माला पंथ, धूणी पंथ के प्रवर्तक के रूप में पहचाना जाता है

संप सभा और मानगढ़ हत्याकांड (राजस्थान का जलियांवाला बाग हत्याकांड)

1883 में संप सभा की इन्होंने स्थापना की जिसका मुख्यालय सिरोही में स्थित था। इसका 1903 में प्रथम वार्षिक अधिवेशन भी हुआ। 1913 में संत सभा का पुनर्गठन किया गया। संप सभा में अनेक भील इकट्ठे हुए जिन पर गोलीबारी की गई इसमें लगभग 1500 से मारे गए। इसे राजस्थान का जलियांवाला बाग हत्याकांड भी कहते हैं, जिसे मानगढ़ हत्याकांड कहां गया


हीरालाल शास्त्री

7. हीरालाल शास्त्री

  • जन्म: जोबनेर जयपुर में
  • इन्होने गीत लिखे –जीवन कुटीर के गीत, प्रलय प्रतीक्षा नमो नमः
  • आत्मकथा का नाम: प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र
  • यह राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री भी रहे, 30 मार्च 1949 में मनोनीत किया गया
  • 1936 में उन्होंने निवाई टोंक में जीवन कुटीर की स्थापना की। जिसका संचालन रत्ना शास्त्री ने किया इसका वर्तमान नाम वनस्थली विद्यापीठ है।
  • निधन: 1774 में हुआ
  • 1776 में उनके सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी किया गया

जय नारायण व्यास

8. जय नारायण व्यास

  • इनका जन्म 18 फरवरी 18 से 99 जोधपुर में हुआ
  • उपनाम: शेरे राज, लोकनायक, लक्कड़-फक्क-ड़कक्कड़, धन का धुन का धणी, मास्साब
  • जय नारायण व्यास मनोनीत एवं निर्वाचित मुख्यमंत्री भी रहे, यह राजस्थान के तीसरे मुख्यमंत्री बने
  • 1921 मारवाड़ हितकारिणी सभा का गठन किया जिसका 1923 में पुनर्गठन हुआ
  • जय नारायण व्यास ने सामंती व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई
  • 1960 में उनका निधन हुआ
  • 1974 में उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया
  • पुस्तक: मारवाड़ का वर्तमान शासन, पोपाबाई की पोल

अर्जुन लाल सेठी

9. अर्जुन लाल सेठी

  • जन्म 9 दिसंबर 1880, जयपुर में हुआ
  • इनकी प्रारंभिक शिक्षा जयपुर में हुई और उच्च शिक्षा इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुई
  • इनकी रचनाएं: शूद्र स्त्री, शुद्र मुक्ति, महेंद्र कुमार, मदन पराजय, विलकाल
  • 1906 इन्होंने जैन प्रचारक सभा की स्थापना की
  • 1907 में इन्होंने जैन वर्धमान विद्यालय की स्थापना की जहां क्रांतिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाता था
  • 1913 के निजाम हत्याकांड के आरोप में 7 वर्ष की सजा सुनाई गई और जेल में कैद किया गया, 1920 में रिहा हुए और बाल गंगाधर तिलक ने उनका स्वागत किया

जमनालाल बजाज

10. जमनालाल बजाज

  • इनका जन्म 1889 काशी का बास, सीकर में हुआ
  • उपाधि: राम बहादुर, इस उपाधि को इन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद वापस लौटा दी थी
  • उपनाम: गांधी का पांचवां पुत्र, संपादकीय भामाशाह, गुलाम नंबर-4
  • 1921 वर्धा महाराष्ट्र में इन्होंने सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की
  • 1927 में चरखा संघ, जयपुर में स्थापना की 1
  • 1985 जमनालाल बजाज पुरस्कार की शुरुआत हुई

यह आर्टिकल आधिकारिक स्त्रोत जैसे प्रमाणित पुस्तके, विशेषज्ञ नोट्स आदि से बनाया गया है। निश्चित रूप से यह सिविल सेवा परीक्षाओ और अन्य परीक्षाओ के लिए उपयोगी है।

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