बचपन बचाओ आंदोलन बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ने वाला देश का सबसे लंबा आंदोलन है। इसकी शुरुआत 1980 में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने की थी।
इसका उद्देश्य पुनर्वास, प्रत्यक्ष हस्तक्षेप, सामूहिक प्रयासों और बच्चों के लिए एक सुलभ समाज प्रदान करना, उन्हें पुनर्स्थापित करना, उन्हें शिक्षित करने के लिए कानूनी कार्रवाई के माध्यम से गुलामी से मुक्त बच्चो के लिए प्रयास करना है
बचपन बचाओ आंदोलन का उद्देश्य
बचपन बचाओ आंदोलन एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) है जो मुख्य रूप से बंधुआ मजदूरी, बाल श्रम को समाप्त करने, बाल विवाह रोकने साथ ही सभी बच्चों के लिए समान शिक्षा अधिकार की मांग करता है। इसके अलावा यह मानव व्यापार, ड्रग माफिया आदि संगठित अपराधों के विरुद्ध भी काम करता है क्योकि यह संगठित अपराध बच्चों से भी जुड़े होते है।
कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार
2014 में कैलाश सत्यार्थी और मलाला युसुफजई को बचपन की शिक्षा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिए संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
बाल पंचायत
यह ‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ (World Day Against Child Labor) यानी 12 जून के दिन ‘बाल पंचायत’ का आयोजन करता है।
बचपन बचाओ आंदोलन ने कितने बच्चों को बचाया है ?
अब तक 1 लाख से ज्यादा बच्चों को बचाया जा सका है। (यह बचपन बचाओ आंदोलन की आधिकारिक लिंक से लिया गया है Janauary,2022 )
रि-यूनाइट एप्लीकेशन (ReUnite App)
जून 2018 में, बीबीए (BBA- Bachpan Bachao Andolan) ने कैपजेमिनी के साथ मिलकर सड़कों पर लापता और परित्यक्त बच्चों की रिपोर्ट करने, खोजने और उनकी पहचान करने के लिए अपनी तरह का पहला मोबाइल एप्लिकेशन ‘रीयूनाइट‘ लॉन्च किया। ऐप को नोबल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी और 2018 के तत्कालीन केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु द्वारा लॉन्च किया गया था।
खतरे से बच्चों को बचाने के लिए एप्लीकेशन
रीयूनाइट एक मंच है जिसका उपयोग नागरिक और लापता बच्चों के माता-पिता दोनों द्वारा किया जा सकता है। नागरिक किसी भी कमजोर बच्चे की छवि अपलोड कर सकते हैं, जिसके लापता होने का संदेह है। जबकि, माता-पिता अपनी छवियों के साथ नाम, अंतिम भू-स्थान, पता, संपर्क जानकारी आदि जैसी विस्तृत जानकारी अपलोड करके अपने लापता बच्चे के बारे में रिपोर्ट कर सकते है।।
अन्य फैक्ट्स
बच्चों के लिए सरकारी हेल्पलाइन नंबर | 1098 |
बचपन बचाओ आंदोलन का बच्चों के लिए हेल्पलाइन नंबर | 1800 102 7222 |
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About the author
Ankita is German Scholar and UPSC Civil Services exams aspirant. She is a blogger too. you can connect her to Instagram or other social Platform.