द्वितीय चीन-जापानी युद्ध (Second Sino-Japanese War), 1937

दूसरा चीन-जापानी युद्ध (Sino-Japanese War) जुलाई 1937 में मार्को पोलो ब्रिज घटना के साथ शुरू हुआ, जब चीनी और जापानी सैनिकों के बीच एक छोटी सी झड़प पूर्ण पैमाने पर युद्ध में बदल गई। तकनीकी श्रेष्ठता और सामरिक तत्परता के एक शक्तिशाली संयोजन ने जापान तेजी से आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया ।

शंघाई का पतन और नानजिंग पर कब्ज़ा

पहली गंभीर झड़प चीन के महत्वपूर्ण बंदरगाह शंघाई में हुई। चीनी सैनिकों ने प्रयास किया, लेकिन नवंबर तक शंघाई शहर एक क्रूर जापानी हमले का शिकार हो गया, जो एक निर्णायक जापानी जीत हुई । शंघाई के पतन ने तत्कालीन चीनी राजधानी नानजिंग के द्वार खोल दिये। दिसंबर 1937 में जापानी सेना द्वारा नानजिंग पर कब्ज़ा करने से युद्ध की सबसे क्रूर घटनाओं में से थी , जिसे नानजिंग नरसंहार के रूप में जाना जाता है।

चीनी सैनिकों और नागरिकों दोनों को जापानी सेना के हाथों भयानक अत्याचारों का सामना करना पड़ा। जैसे-जैसे युद्ध आगे बढ़ा, जापान चीन के अंदर तक घुस चूका था और महत्वपूर्ण शहरों और बंदरगाहों पर कब्ज़ा कर लिया। चीनी सरकार ने राजधानी को अंतर्देशीय शहर चोंगकिंग में स्थानांतरित कर दिया।

1940 में, जापानी सेना ने चीनी आबादी पर नियंत्रण पाने के प्रयास में वांग जिंगवेई की कठपुतली सरकार स्थापित की। इस कदम से जापानियों को बड़े तटीय क्षेत्रों पर प्रभावी ढंग से प्रशासन करने की अनुमति मिल गई। हालाँकि, चीन का पूर्ण नियंत्रण जापानी सेना के हाथ से निकल गया, जिसके कारण 1942 से 1944 तक गतिरोध बना रहा।

विशाल क्षेत्रों पर कब्जा करने के बावजूद, जापानी चीनी सेना को पूरी तरह से हराने में असमर्थ थे, जिसका मुख्य कारण चीन का विशाल आकार और महत्वपूर्ण आबादी थी। चीनी सरकार पीछे हट गई और लड़ाई जारी रखी।

1945 में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के साथ हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बमबारी के बाद जापान ने मित्र देशों की सेना के सामने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया। हालाँकि चीन की न तो राष्ट्रवादी और न ही कम्युनिस्ट सरकारों ने औपचारिक रूप से जापानी साम्राज्यवाद के सामने आत्मसमर्पण किया, लेकिन वर्षों के क्रूर युद्ध ने देश को गहरा आघात पहुँचाया।

ankita mehra

Follow the Author

Ankita is a German scholar and loves to write. Users can follow Ankita on Instagram

ankita mehra instagram

himalaya in hindi upsc rpsc

हिमालय (Himalaya) [UPSC GS]

हिमालय (Himalaya), जो आज दुनिया में सबसे ऊंचा, सबसे नवीन और अन्तर्महाद्वीपीय पर्वत श्रृंखला है,…

Read More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *