तारों की आयु कैसे निर्धारित की जाती है ?

how to calculate age of stars

तारों की आयु को जान पाना सम्पूर्ण मानव जाति के लिए महत्वपूर्ण है। अगर हम तारो की सही और सटीक उम्र पता कर पाए तो हम ब्रह्माण्ड के कई अनसुलझे रहस्य पता कर पाएंगे। हम जान पाएंगे की पृथ्वी पर जीवन सही और सटीक की किस समय उत्पन्न हुआ था। लेकिन, फिर भी किसी भी तारे की उम्र में उसके रंग, चमक , घूर्णन गति, द्रव्यमान मुख्य संकेतक होते है।

तारो की सटीक उम्र की गणना क्यों मुश्किल है ?

आकाशगंगा में बड़ी संख्या में तारे हैं। अभी कुछ नवजात अवस्था में है और कुछ अभी तक ठीक से बने भी नहीं हैं। कुछ इतने पुराने भी है जो अरबों वर्षों से चमक रहे हैं। खगोलविद लगातार कुछ अंतरिक्ष पिंडों की उम्र निर्धारित कर रहे हैं, चाहे वह किसी प्रकार का क्षुद्रग्रह हो या स्वयं ब्रह्मांड, लेकिन किसी तारे की उम्र करना काफी मुश्किल है। इसे सीधे तौर सटीक तय करना फिलहाल काफी मुश्किल गणितीय समस्या है। सौभाग्य से, विज्ञान इस पहेली को हल करने के लिए कुछ दिलचस्प अप्रत्यक्ष तरीके लेकर आया है।

तारो की सटीक उम्र तय करना कई बातो पर और जटिल गणितीय गणनाओ पर आधारित हो जाती है जिसमे कई मानवीय गलतियां होने की सम्भावना हमेशा रहती है। फिर भी अभी भी ऐसा कोई वैज्ञानिक मोडल नहीं विकसित हो पाया है जो सही सही गणना बिना त्रुटि के लिए सभी तारो के लिए कर पाए।

हर्ट्ज़स्प्रंग-रसेल आरेख

यदि तारा क्लस्टर के अंदर है, तो कार्य बहुत सरल हो जाता है। क्योंकि एक चमक के कारण वैज्ञानिक यह मान लेते है की एक समूह में समान चमक के तारो की आयु समान हो सकती है या इस तथ्य के कारण कि यहां स्थित सभी प्रकाशमान लगभग एक ही समय में बने होते हैं, फिर खगोलविद पूरे समुदाय की आयु को निर्धारित करने का और सटीक प्रयास कर सकते हैं। वैज्ञानिक सभी तारों को हर्ट्ज़स्प्रंग-रसेल आरेख (Hertzsprung-Russell (H–R) diagram) पर रखते है ।

तारों की आयु कैसे निर्धारित की जाती है ?,  हर्ट्ज़स्प्रंग-रसेल आरेख (Hertzsprung-Russell (H–R) diagram)
हर्ट्ज़स्प्रंग-रसेल आरेख source: Wikipedia

इस ग्राफ पर स्थिति सतह की चमक और तापमान पर निर्भर करती है। आयु की गणना तारे की चमक, पृथ्वी से इसकी दूरी और रंग के आधार पर की जाती है। मंद और ठन्डे अंतरिक्षीय पिंड (cold space body) निचले दाएं कोने में हैं, जबकि चमकीले और गर्म तारे ऊपरी बाएं कोने में हैं।

सितारों की उम्र के रूप में, वे जी-आर आरेख पथ (G–R diagram Path) काफी हद तक द्रव्यमान पर निर्भर करता है। इस मामले में, तारे का अधिकांश जीवन विकर्ण पट्टी (diagonal strip) में होता है, जिसे मुख्य अनुक्रम (main sequence) कहा जाता है।

हर्ट्ज़स्प्रंग-रसेल आरेख (Hertzsprung-Russell (H–R) diagram)

जब किसी तारे का हाइड्रोजन ईंधन खत्म हो जाता है, तो चमक और रंग के बीच का अनुपात बदल जाता है। यह लाल और चमकीला हो जाता है, और मुख्य अनुक्रम से दूर चला जाता है। यदि आप क्लस्टर के सभी तारों को G-R आरेख पर रखते हैं, तो आप एक विराम जैसा कुछ देख सकते हैं, जो कि “सामान्य रेखा” के प्रकाशकों और इसके बाहर के सितारों के बीच की सीमा है।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि समुदाय (क्लस्टर) के सबसे बड़े सितारे मुख्य अनुक्रम को छोड़ने वाले पहले होते हैं। वे तेज जलते हैं और अपने ईंधन की तेजी से खपत करते हैं। समय के साथ, वे अपने नज़दीकी पिंडो से जुड़ जाते हैं, जिनका द्रव्यमान कम होता है। इस प्रकार, क्लस्टर जितना पुराना होगा, H-R आरेख पर दाईं ओर उतना ही आगे बढ़ेगा।

तारे जो अकेले हो

हालांकि, सभी सितारे क्लस्टर में नहीं हैं। उनमें से कई तारे जो अकेले हैं, उदाहरण के लिए, सूर्य। इस केस में तारे की उम्र का अनुमान लगाने के लिए, खगोलविद अलग मॉडलों का उपयोग कर सकते हैं जैसे समय के साथ यदि तारे के कुछ गुण बदलते हैं तो उससे तारे की उम्र पता की जा सकती है। उदाहरण के लिए, कुछ मुख्य अनुक्रम तारे (Main Sequence Stars) उम्र के साथ अपने घूर्णन को धीमा कर देते हैं। तारे के रंग और “घर्णन ” की गति के अनुपात के अनुसार, खगोलविद 5 से 20 प्रतिशत की त्रुटि के साथ आयु की गणना कर सकते हैं।

इस विधि को जाइरोक्रोनोलॉजी (gyrochronology) के रूप में जाना जाता है। दुर्भाग्य से, यह हमेशा काम नहीं करता है। यह उन सितारों के लिए बेकार है जो बहुत छोटे हैं या एक निश्चित द्रव्यमान सीमा से बाहर हैं। इसके अलावा, यह उपलब्ध मॉडलों की सटीकता पर निर्भर करता है, जो, वैसे, सूर्य के लिए कैलिब्रेटेड (calibrated) होते हैं, क्योंकि यह सटीक रूप से स्थापित उम्र वाला एकमात्र तारा है।

क्या सभी तारे सूर्य जैसे होते है ?

हालाँकि, यह मान लेना बहुत गलत होगा कि सभी तारे सूर्य के समान व्यवहार करते हैं। इसलिए जबकि अन्य खगोलविद मौजूदा मॉडलों में सुधार करते रहते हैं, अभी हाल ही में वैज्ञानिकों के एक समूह ने यह निरिक्षण किया कि कैसे सुपरमैसिव सितारे (Supermassive Stars) अपना कैसे रंग बदलते है और लाखों और अरबों वर्षों तक मुख्य अनुक्रम के भीतर प्रकाशवान रहते हैं, लेकिन जब वे अंततः इस निश्चित पथ को छोड़ते हैं, तो वे “हर्ट्ज़स्प्रंग गैप (Hertzsprung Gap)” से गुजरते हैं।

अब तक, किसी भी मौजूदा तरीके या वैज्ञानिक मोडल द्वारा से किसी विशेष तारे के जन्म का सही समय का निर्धारित करना, सटीक तरीके से तय करना मुश्किल है । लेकिन शायद निकट भविष्य में यह सबसे आम बात हो जाएगी जब आसानी से किसी भी तारे की आयु सही सही वैज्ञानिक पता कर पाए ।

आयु डेटिंग आपको यह समझने में मदद करेगी कि ब्रह्मांड और उसमें मौजूद वस्तुएं समय के साथ कैसे विकसित होती हैं। यह एक प्रत्यक्ष संकेत के रूप में काम करेगा कि क्या जीवन को एक प्रणाली या किसी अन्य ग्रह में उत्पन्न होने और विकसित होने का कितना समय मिला था ? यह बहुत महत्वपूर्ण जानकारी है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि खगोलविद इसे निकालने का तरीका जानने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे है ।

यह आर्टिकल आधिकारिक स्त्रोत जैसे प्रमाणित पुस्तके, विशेषज्ञ नोट्स आदि से बनाया गया है। निश्चित रूप से यह सिविल सेवा परीक्षाओ और अन्य परीक्षाओ के लिए उपयोगी है।

ankita mehra

About the Author

Ankita is a German scholar, Civil Services exam’s keen aspirant and loves to write. Users can follow Ankita on Instagram ankita mehra instagram

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