ऑपरेशन विजय,1999 (Operation Vijay) [UPSC GS]

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ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) विजय दिवस के रूप में भारतीय सेना और वायु सेना द्वारा किए गए साहस और बलिदान को याद करने का दिन है। यह गर्व, सम्मान और प्रेरणा की लड़ाई में भारतीय सेना द्वारा नेतृत्व का प्रदर्शन दर्शाता है।

पाकिस्तान का इरादा श्रीनगर और लेह को जोड़ने वाले हाईवे को काटने का था ताकि लद्दाख और सियाचिन तक भारत का संपर्क ही कट जाए। जानकारी मिलते ही भारत ने ऑपरेशन विजय चलाया। पाकिस्तानी सेना को एक बार फिर बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी। पाकिस्तान सेना और उसके टट्टुओं को धूल चटाने के बाद 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने उनके कब्जे में गए सभी क्षेत्रों पर नियंत्रण कर लिया।

ऑपरेशन विजय कब हुआ ?

3 मई 1999 को शुरू हुआ कारगिल युद्ध उसी वर्ष 14 जुलाई को समाप्त हुआ।

ऑपरेशन विजय के समय कौन प्रधानमंत्री थे ?

तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहार वाजपेयी थे

ऑपरेशन विजय की पृष्ठभूमि

1999 में पाकिस्तानी फौज और उसके प्रायोजित आतंकियों ने जोजिला और लेह के बीच मुशकोह, ड्रास, करगिल, बटालिक और तुर्तुक सब-सेक्टरों में घुसपैठ कर ली। वे एलओसी (LOC – Line Of Control) को क्रॉस करके भारतीय सीमा में 4 से 10 किलोमीटर तक भीतर घुस आए और सर्दियों में हुई खाली भारतीय सेना की 130 चौकियों पर कब्जा कर लिया।

4 जुलाई को टाइगर हिल को भी वापस ले लिया गया, जिसके बाद 5 जुलाई को द्रास भारतीय सेना के अधीन आ गया। कारगिल युद्ध 14 जुलाई को समाप्त हो गया था।

operation vijaya1999 aka kargil war

1999 में करगिल में पाकिस्तान की हिमाकत को भारतीय जांबाजों ने न सिर्फ नाकाम किया था बल्कि उसे मैदाने-जंग में करारी शिकस्त दी थी। 3 मई से शुरू हुई जंग 26 जुलाई को भारत की विजय के साथ खत्म हुई थी।

ऑपरेशन विजय की परिस्थितियाँ

कारगिल युद्ध (Operation Vijay) लगभग 16000-18000 फीट की ऊंचाई पर हुआ था और इसे दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र होने का सम्मान प्राप्त है। हालांकि यह मौसम ही था, जो भारतीय सैनिकों का सबसे बड़ा दुश्मन था क्योकि तेज़ सर्दियों में पाकिस्तान प्रायोजित लडाको से लड़ना दुगुनी चुनौती रही। टाइगर हिल और तोलोलिंग में दुश्मन ऊपर की ओर बैठा था इसके कारण भारतीय सैनिकों को भी नुकसान हुआ था, ये दोनों हिस्से द्रास में हैं, जो दुनिया की सबसे ठंडी जगहों में से एक है।

ऑपरेशन विजय के कुछ शूरवीरों के नाम

कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन अनुज नैय्यर, मेजर विवेक गुप्ता, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, कैप्टन विजयंत थापर सहित कई नाम हैं जिन्होंने साहस, वीरता दिखाई और देश के लिए शहीद हुए। अन्य वीरों के साथ इन सैनिकों को अधिकतम वीरता पुरस्कार अर्थात परमवीर चक्र और महावीर चक्र प्राप्त हुए।

इसीलिए 26 जुलाई को हर साल करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

यह आर्टिकल आधिकारिक स्त्रोत जैसे प्रमाणित पुस्तके, विशेषज्ञ नोट्स आदि से बनाया गया है। निश्चित रूप से यह सिविल सेवा परीक्षाओ और अन्य परीक्षाओ के लिए उपयोगी है।

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