21 या 22 दिसंबर को उत्तरी गोलार्ध में शीतकालीन संक्रांति (Winter solstice) होती है। उत्तरी गोलार्द्ध में यह वर्ष का सबसे छोटा दिन है और इसका खगोलीय और धार्मिक महत्व है। कई प्रारंभिक संस्कृतियों ने इस दिन को जिस दिन सूर्य उत्तरायण के रूप में मानते रहे है। सूर्य का उत्तरायण होना लंबे दिनों की अवधि में बढ़ोत्तरी शुरू करता है। आइये कुछ और जाने शीतकालीन संक्रांति के बारे।
यह शब्द “संक्रांति” लैटिन शब्द सोलस्टिटियम (solstice) से आया है, जिसका अर्थ है “सूर्य अभी भी इस जगह स्थिर है।” लेकिन इसका सही अर्थ सूर्य के संक्रमण की अवस्था से है जब सूर्य दक्षिणी गोलार्द्ध से उत्तरी गोलार्द्ध में संक्रमण करता है। यह वह दिन है जब सूर्य सबसे दक्षिणी बिंदु पर पहुँचता है।
चूँकि सूर्य वास्तव में गति नहीं करता है, फिर यह वास्तव क्या है ? यह सूर्य की आभासी गति है जो पृथ्वी के वास्तविक गति से आती है। पृथ्वी सीधी परिक्रमा नहीं करती है, बल्कि अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है। यह झुकाव ही चार ऋतुओं का कारण बनता है। शीतकालीन संक्रांति के समय, उत्तरी गोलार्ध सूर्य से सबसे दूर झुक जाता है।
उत्तरी गोलार्ध की शीतकालीन संक्रांति लेकिन दक्षिणी गोलार्द्ध के लिए ग्रीष्मकालीन संक्रांति
21 दिसंबर को दोनों गोलार्द्धों के लिए संक्रांति का समय है। यह वास्तव में एक बहुत ही विशिष्ट समय पर होता है जब सटीक तरीके से सूर्य सीधे मकर रेखा (भूमध्य रेखा और अंटार्कटिक सर्कल के बीच काल्पनिक अक्षांशीय रेखा) पर होता है।
क्या शीतकालीन संक्रांति हमेशा 22 दिसंबर को होती है ?
देखा जाए तो शरदकालीन संक्रांति 21 या 22 दिसंबर को हो सकती है, 2022 में, 22 दिसंबर को, यह उत्तरी गोलार्ध में 3:17 am बजे होगा (भारतीय मानक समय के अनुसार)। लेकिन ध्यान देने की बात है की संक्रांति की तारीख भी अलग-अलग हो सकती है। यह हमेशा 21 दिसंबर नहीं होती है। यह 20 या 22 तारीख भी हो सकती है, और कभी-कभी 23 तारीख भी हो सकती है। पिछली बार संक्रांति 23 दिसंबर को 1903 में हुई थी और अगली बार 2303 में होगी।
ऑस्ट्रेलिया में क्रिसमस गर्मियों में और भारत, अमेरिका में सर्दियों में
आप जानते होंगे कि क्रिसमस का वास्तविक पर्व सैटरनेलिया नामक मूर्तिपूजक रोमन त्योहार से निकटता से जुड़ा हुआ है। लेकिन ध्यान देने की बात है की क्रिसमस की तारीख 25 दिसम्बर क्यों है ?यद्यपि बाइबल कोई तारीख देता है लेकिन इतिहासकारों का मानना है कि यीशु वास्तव में सर्दियों के बजाय बसंत या पतझड़ में पैदा हुए थे क्योंकि चरवाहे रात में अपने झुंड को बाहर देख रहे थे।
लेकिन क्रिसमस के साथ साथ विश्व में तमाम पर्व सूर्य के संक्रमण पर होते है। ऐसा इसलिए है की किसान की फसल इसी दौरान पक जाती है। इस उपलक्ष्य में पहले के कबीलो में उत्सव जैसा माहौल बन गया होगा। इसलिए क्रिसमस सहित कई त्यौहार इसी दौरान आते है। बाद में संभवतया इसे धर्म से जोड़ दिया गया हो। कुछ भी हो, कई संस्कृतियों में एक संक्रांति उत्सव होता है जो सूर्य या सूर्य देवता की वापसी का सम्मान करता है।
यह आर्टिकल आधिकारिक स्त्रोत जैसे प्रमाणित पुस्तके, विशेषज्ञ नोट्स आदि से बनाया गया है। निश्चित रूप से यह सिविल सेवा परीक्षाओ और अन्य परीक्षाओ के लिए उपयोगी है।
About the Author
Ankita is a German scholar, Civil Services exam’s keen aspirant and loves to write. Users can follow Ankita on Instagram
About Sri Ramalinga Swamy
Sri Ramalinga Swamy, a 19th century Tamil poet and member of the “Gnana Siddha” dynasty,…
Indian National Movement – Main Chronological Events
The complex and diverse fight for independence from British colonial control is known as the…
Transverse Waves and its Examples
If the particles oscillate perpendicular to the direction of wave propagation, then it is a…
बचपन बचाओ आंदोलन [bachpan bachao Andolan] [UPSC GK]
बचपन बचाओ आंदोलन बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ने वाला देश का सबसे लंबा आंदोलन…
क्या है फास्ट रेडियो बर्स्ट सिग्नल [fast radio burst]?
रेडियोखगोलिकी में तीव्र रेडियो प्रस्फोट (fast radio burst) या ऍफ़॰आर॰बी॰ (FRB) अज्ञात कारणों से उत्पन्न एक बहुत अधिक ऊर्जावान खगोलभौतिक परिघटना होती…
Armageddon reedtail’ (Protosticta armagedonia) in the Western Ghats
Researchers at MIT-World Peace University have recently discovered a new damselfly species called ‘Armageddon reedtail’…