आई.ए.एस (IAS) की कोचिंग के लिए दिल्ली जाना एक बैहतर विकल्प हो सकता है। दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा केंद्रीय स्तर पर सिविल सेवाओ परीक्षाओ के लिए कई कोचिंग मिल जाती है। अधिकतर कोचिंग डा. मुखर्जी नगर और राजेंद्र नगर क्षेत्र में झुरमुट (ghetto) की तरह इकठ्ठी है। बहुत सारी कोचिंग होने की वजह से आई.ए.एस (IAS) का सपना देखने वाले युवाओ को भ्रम भी हो सकता है की कौनसी कोचिंग में जाये या कोनसी कोचिंग में न जाये।
जिनमे से बड़े नाम की कोचिंग संस्थाए जैसे दृष्टि, विज़न (Vision), निर्माण, ALS, वाजीराम और रवि, चाणक्य, खान स्टडीज आदि है। बड़े नाम होने के कारण इन कोचिंग में बहुत ज्यादा भीड़ रहती है और फीस भी बहुत ज्यादा वसूली जाती है। छोटी कोचिंग में गुणवत्ता की कमी हो सकती है। ऐसे में दिल्ली जाना बेहद फायदेमंद या रिस्की हो सकता है यदि आप सही कोचिंग नहीं चुनते है।

आईएएस की तैयारी के लिए दिल्ली जाने के फायदे दिल्ली जाने के फायदे
आईएएस की तैयारी के लिए दिल्ली जाने के फायदे बहुत है। दिल्ली में बहुत ज्यादा विकल्प मिल जाते है। विद्यार्थी इन विकल्पों का बहुत फायदा ले सकते है यदि सही ढंग से आप इन विकल्पों का फायदा उठाये। बेहतर कोचिंग और गुणवत्ता भी मिल जाती है और तो और नोट्स की कोई कमी नहीं है। यहाँ हर दुकान पर आपको हर तरह के नोट्स मिल जायेंगे। स्टूडेंट्स को रहने के लिए किराये पर रूम भी मिल जाते है और चूँकि दिल्ली देश की राजधानी के कारण हर प्रकार के परिवहन से जुडी हुई है इसलिए देश के कही का निवासी को यहाँ से सीधे ट्रैन, बस या हवाई जहाज का टिकट मिल जाता है।
आईएएस की तैयारी के लिए दिल्ली जाने के नुकसान
आईएएस की तैयारी के लिए दिल्ली जाने के फायदे दिल्ली जाने के कई नुकसान भी हैं। आई.ए.एस (IAS) बनने का सपना देखने वालों में सही निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। अगर आप अपने दोस्त की सलाह पर दिल्ली आकर या यूट्यूब पर विकासदिव्य कीर्ति सर या अन्य के मोटिवेशनल वीडियो देखकर तैयारी करना चाहते हैं तो पहले कुछ बातें जान लें।

दिल्ली एक काफी महंगा शहर है। दिल्ली में कोचिंग करने और वहां रूम लेकर तैयारी करने में काफी खर्च करना पड़ता है। अधिकतर विद्यार्थियों का UPSC का एग्जाम एक बार में नहीं निकल पाता है इसलिए विद्यार्थियों को दिल्ली में लगातार तैयारी के लिए बार बार रुकने की आवश्यकता महसूस होती है। फिर भी अगर देखा जाये तो अमूमन मुखर्जी नगर में सिंगल रूम ₹8000 से ₹25000 तक मिलते है जो की एक मध्यम परिवार के युवा के लिए काफी महंगा है। इससे भी ज्यादा महंगा राजेंद्र नगर है जहाँ ज्यादातर अंग्रेजी माधयम के स्टूडेंट्स रहंते है।


मुखर्जी नगर के आगे गाँधी विहार और नेहरू विहार है जोकि अपेक्षाकृत सस्ते है लेकिन मेरे अनुभव से न्यूनतम किराया ₹6000 से कही भी कम नहीं है। इसके बाद खाने का खर्च, टेस्ट सीरीज का खर्चा, बुक्स और मैगजीन का खर्चा आदि भी शामिल करना होगा।
कई विद्यार्थी चाय, सिगरेट और अन्य आकर्षणों पर भी अपना सारा दिन लगा देते है जिससे तैयारी का मूल समय कम हो जाता है। चाय की दुकानों पर स्टूडेंट्स की भीड़ प्राय ऐसे देखने को मिलती है जैसे कोई मेला लगा हो। इसके साथ साथ दिल्ली में कई विकल्पों की उपस्थिति के कारण अधिकतर अभ्यार्थी भटक जाते है। वे अपने दोस्तों के कहने पर या कोचिंग के सेमिनार आदि से प्रभावित होकर गलत कोचिंग जॉइन कर लेते है।
लगभग सभी कोचिंग बहुत ज्यादा नोट्स देने, क्लास में लिखवाने और चकाचोंध पर ज्यादा ध्यान देती है। बड़े बड़े बैनर और सिलेक्टेड स्टूडेंट्स की बिलबोर्ड्स पर लगी तस्वीरें नए आने वाले अभ्यर्थियों के लिए बहुत आकर्षक होती है। लेकिन वास्तविकता में देखा जाये तो यह कभी-कभी भ्रम होता है।
आई.ए.एस (IAS) या अन्य सिविल सेवाओं की तैयारी के लिए यह बिलकुल भी जरुरी नहीं है की स्टूडेंट को बड़ी कोचिंग में तैयारी करवाई जाये। इनमे से कई कोचिंग ऐसी है जहाँ के टीचर्स का कभी भी प्रीलिम्स भी पास नहीं हो पाया है और वो कोचिंग चला रहे है। अतः अगर आप दिल्ली में है तो कोचिंग ध्यान से चुने।
मेरा मानना है की आई.ए.एस (IAS) की तैयारी के लिए कोचिंग की तभी आवश्यकता होती है जब या तो आपका मूल ज्ञान धरातल पर हो या आप जॉब में हो या आप भिन्न विषय की तैयारी कर रहे हो, जो आपने कभी नहीं पढ़ा हो।
दिल्ली में कम गुणवत्ता की कई कोचिंग कभी कभी अच्छे विद्यार्थियों को या तो राजनीतिक प्रवक्ता बना देती है या केवल नोट्स इकठ्ठे करने वाला या एक तरफा विचारधारा की समर्थक बना देती है जो की सिविल सेवाओं और भावी तैयारी के लिए घातक हो सकती है क्योकि एक अच्छे सिविल सर्वेंट को सभी दिशाओ में सभी के लिए संविधान के दायरे में रहा कर सोचना पड़ता है।
आजकल चाय की दुकानों पर संविधान और दर्शन से ज्यादा धर्म, राजनीति पर बाते हो रही है जो की यह दर्शाता है की कई कोचिंग कम गुणवत्ता से स्टूडेंट्स को पढ़ा रही है। क्योंकि अधिकतर कोचिंग व्यवसाय के तौर पर चलायी जा रही है न की गुणवत्ता के लिए।
हाँ, यह सही है की कई कोचिंग वाकई में बहुत अच्छी भी है। तैयारी में सीधी और सटीक रणनीति समयबद्ध रूप से अगर क्रियान्वित होतो आई.ए.एस (IAS) एग्जाम आसान है। बेसिक बुक्स, दी हिन्दू पेपर और कुछ स्टैण्डर्ड मैगज़ीन तैयारी के लिए काफी है।
मेरी नज़र में आई.ए.एस (IAS) की तैयारी के लिए हमेशा दिल्ली जाने की जरुरत नहीं है लेकिन फिर भी अपने प्लान बनाया है तो केवल 2 वर्षो तक ही दिल्ली रहकर तैयारी करे। इसके बाद कही और जाकर या घर से भी तैयारी कर सकते है।

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